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Sound of universe ब्रम्हांड की ध्वनि
संसार मे चारो ओर प्रत्येक स्थान पर कोई न कोई ध्वनि प्रसारित रहती है प्रत्येक जीव पशु पक्षी कीट सभी आंतरिक एवम बाह्यरूप से ध्वनि प्रसारित कर रहे हैं जल वायु पृथ्वी अग्नि एवम आकाश भी घर्षण वेग तड़ित अथवा किसी भी रूप में ध्वनि का संचारण करते है ध्वनि जीवन का अहम हिस्सा है  
क्या ध्वनि  का संचरण अन्य ग्रहों एवम ब्रम्हांड के अनेकों आकाशगंगाओ में भी हैं  यह खोज आधुनिक विज्ञान का खोज का विषय है परंतु अनेको ऋषि मनीषियों  वेदान्त एवम उपनिषद सांसारिक ध्वनि के अतिरिक्त एक मूल ध्वनि को सम्पूर्ण ब्रम्हांड की मूल ध्वनि माना है ।।
इसे ही ब्रम्हांड ध्वनि (sound of universe ) कहा गया है।
मनुष्य और ब्रह्याण्ड ध्वनि
ब्रम्हांड ध्वनि का श्रवण मनुष्य निरंतर ध्यान की अवस्था मे करते हैं  जब चारो ओर से मनुष्य अपने इन्द्रयों पर एवम मन  पर नियंत्रण पाने की कठिन प्रयास करता है जब मन की चंचलता पर नियंत्रण स्थापित होता है एवं योग प्राणायाम के अभ्यास से शरीर शुद्धिकरण होता है तब ध्यान की गहनतम अवस्था शरीर और चेतना के स्वरूप को पृथक करती है 

चेतना की उच्चतम अवस्था शून्यता की ओर जाती है ।जहॉ  जहा चेतना ही उस परम सत्य ब्रम्हांड ध्वनि में संयोजित होती है   ब्रम्हांड ध्वनि को मनुष्य की चेतना ओउम aum   के अनुनाद में ही सुनाई देती है 

Sound of universe universe


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 Everywhere in the world, some sound is broadcast at every place, every animal, animal, bird, insect, all internal and external are transmitting sound, water, air, earth, fire and sky also transmit sound in the form of friction velocity or any form of sound.  Is an important part of life

 Whether the transmission of sound is also in many galaxies of other planets and the universe, this discovery is a matter of modern science, but in addition to earthly sound, many sage mystics Vedanta and Upanishads have considered one original sound as the original sound of the whole universe.

 It has been called the sound of universe.

 Humans and universe sound


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 Humans listen to the sound of the universe in a state of constant meditation when man tries hard to get control of the mind and mind from all the four sides when control of mind is in control and practice of yoga pranayama makes the body pure.  The deepest state of meditation separates the body and the form of consciousness


 The highest state of consciousness leads to emptiness. Where consciousness itself is combined in that ultimate true universe sound, the universe sound is heard only in resonance with the human consciousness Oum aum.


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