डॉग केयर कैसे करे ?? अपने डॉग्स को स्वस्थ कैसे रखे ? नवजात पप्स की फीडिंग और केयर करने के महत्वपूर्ण टिप्स how to care your loving dog? imoportant feeding and care tips for new born pups
नवजात पप की देखभाल new born puppy care
जन्म के बाद से नन्हे पप्स खुद ही आगे बढ़कर अपनी माँ के पास पहोंच कर थन ढूढ़ लेते है और दूध पीते है |यदि वे एसा नहीं कर पाते तो उनकी माँ आपको पास आने इजाजत देती है तो आप पप को हल्का सा पकड़ कर थान के पास उसका हल्का सा मुंह लगाए जिससे की पप दूध पि सके |जन्म के दो दिन तक पप माँ का पहला दूध पीता है यह पहला दूध पप को 8 से 10 सप्ताह तक कई रोगों से बचता रहता है इस दूध से पोषण के साथ साथ पप में रोग प्रतिरोधक झमता का विकास होता है इसे खींस या कोलेस्ट्रम colostrum कहते है |
नवजात पप के नीचे बिछाए अखबार या बिछोने को बदलते रहना चाहिए |
पप्स की आँखें 10 से 15 दिन के बीच खुलती है इस दौरान पप्स का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है |पप्स की माँ के नाखूनों से खरोंचे ना पड़े इसलिए 14 से 21 दिन के की उम्र पर पप्स के नाखूनों को काटा जा सकता है |
पप्स दिन में अधिकतर नींद में सोते रहते है | उम्र बढ़ने के साथ साथ पप्स की अदिक समय तक सोने की आदत कम होती जाती है |
जन्म लेने के समय पप को बहुत अधिक ठंड लगती है क्योकि एकं पप जन्म के बाद अपने शारीर को गर्म नहीं रख पाता है |और ठंड को सहन नहीं कर पाता है |पप के शारीर का तापमान नियंत्रण थर्मोरेगूलेशन सिस्टम thermoregulation system बहुत अधिक कमजोर होता है इसमें 6 से 7 दिन में शारीर को गर्म रखने की थोड़ी सी झमता का विकास होता है |लेकिन एक माह में यह झमता पूरी तरह से विकसित हो जाती है |
इसलिए एक माह की उम्र तक पप्स को गर्म तौलिये में लपेटकर रखना या हौट वाटर वौटल या किसी अन्य तरीके से हीत देना जरूरी होता है |इस दौरान कमरे टा तापमान 21 डिग्री सेल्सियस सा अधिक होना चाहिए |
पप्स को क्या खिलाएं pups feeding and care
एक माह की उम्र में पप्स को सौलिड फ़ूड दिया जा सकता है |तथा डेढ़ से दो माह की उम्र में इन पप्स को माँ के दूध से अलग कर दुसरे फूड्स खिलाये जा सकते है |कभी कभी ब्याने के बाद बिच की मौत हो जाती है यदि इस दौरान कोई अन्य माँ मिल जाए तो वह पप्स को दूध पिला सकती है |या फिर बोटल फीडिंग ही अन्य विकल्प होता है | दिन में 4 बार अच्छे से पानी में उबाली हुयी बोटल से गाय का पतला दूध या बकरी का पतला दूध पिलाना चाहिए |
जब पप्स को बोटल से दूध पिलाया जाता है तो पप्स में कब्ज constipation की शिकायत भी हो सकती है |एसे दूध में या सीधे मुंह में लिक्विड पेराफिन की एक दो बूँद देनी चाहिए |
बोटल से दूध पिलाते समय बोटल को हर बार गर्म पानी से उबालकर ही प्रयोग में अन्यथा इन्फेक्शन होकर दस्त भी हो सकते है |
बड़ा होने पर पप को दिन में एक दो बार में ही अधिक खाना नहीं खिलाना चाहिए |खाने में पप को पानी मिले हुए दूध में रोटी ब्रेड अथवा दलिया मिलाकर दें |यदि वह रोटी या दलिया नहीं खाए तो उसे दिन में चार बार दूध दे सकते है |एक बार पेट भरने के बाद बर्तन में बचे हिये दूध दलिया को हटा दे |
डेढ़ माह की उम्र में अपने पप्स को दिन में 4 से 5 बार खाना दे |खाना हल्का गर्म एवं सुपाच्य हो |फ़ूड के साथ साथ अच्छा पका हुआ मांस केल्शियम मिनरल व् विटामिन टोनिक भी दें | ग्रोथ के लिए प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट व् मिनरल की आवश्यकता होती है |
सप्ताह में एक बार खाने के साथ में एक चम्मच कोड लीवर ऑइल cod liver oil भी देना चाहिए |
पप को अपने घर में उपलब्ध खाना खिलाने पर अधिक जोर दे| बाजार में उपलब्ध मंहगे डॉग फ़ूड बिस्किट या अन्य खाने के बजाय दूध रोटी चावल दलिया फक सब्जियां एवं उबला अंडा खिलाना चाहिए |
जैसे जैसे आपके पप की उम्र बढती है उसे दिन में खाना देने की संख्या में कमी करना चाहिए |6 माह की उम्र में अधिकतम तीन बार ही खाना दे |
9 माह का हो जाने पर दिन में दो बार खाना देना चाहिए |एक साल की उम्र में दिन में केवल एक बार ही खाना देना पर्याप्त होता है या आप कम कम मात्रा में दिन में दो बार भी खाना दे सकते है |
डॉग्स का आहार dog feeding
डॉग्स के भोजन में सभी पोषक तत्वों का समावेश होना चाहिए जिससे की आपका प्यारा डॉग हमेशा खुश एक्टिव और तंदुरुस्त बना रहे |
मीट या मांस meat
दाल और मांस में प्रोटीन की प्रचुर मात्र पायी है डॉग एक मांसाहारी प्राणी है यह मीट खाना अधिक पसंद करता है |मीट को हमेशा उबाल कर ही खिलाना चाहिए |कच्चे मीट में बहुत सारे बेक्टीरिया और पैरासाइट्स होते है जिनके कारण डॉग्स को फ़ूड पोइजनिंग और अन्य संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है छोटी उम्र के डॉग्स को बिना बॉन बाला मीट ही दे क्योकि एक पप बॉन को अछि तरह से चबा नहीं पाता है और बॉन पप के गले में भी फंस सकती है |उबला हुआ अंडा भी डॉग्स के लिए प्रोटीन युक्त बेहतर आहार होता है |
शाकाहार vegetables
आप डॉग्स या पप्स को शाकाहारी आहार खिलाये जिससे आपका डॉग स्वत और तंदुरुस्त रहेगा |शाकाहारी आहार से डॉग्स में पेट के रोग भी कम होते है | गाजर टमाटर केला मटर आदि फल और सब्जियां डॉग को खिलानी चाहिए |आजकल बाजार में रेडीमेड डॉग फ़ूड उपलब्ध होते है |इनकी मात्र डॉग्स के वजन और उम्र के हिसाब से खिलाई जाती है | जिसके निर्देशों को भली भांति पढ़ कर की उपयोग लेना चाहिए | किसी भी फ़ूड की अधिक मात्रा डॉग के स्वास्थ के लिए नुसान दायक हो सकती है |
विटामिन और मिनरल्स vitamins and minarals
आपका प्यारा पप या डॉग कभी कभी आस पास पड़े कपडे जूते दरी मौजे चप्पल या लकड़ी आदि को चबाने लग जाता है दांत उगने की उम्र में यह प्राय एसा करते है बढ़ते उम्र के डॉग्स को नार्मल खाने के सैट साथ विटामी और मिनरल्स के तौनिक अवश्य देने चाहिए जिससे उनकी अच्छी ग्रोथ हो सके इससे उनके बाल चमकीले और मुलायम हो जाते है |
कभी कभी आपके पप या डॉग के पैर मुड़ने लगते है जो की केल्शियम और फास्फोरस की कमी के कारण होता है इसलिए जब भी एसा हो तुरंत अपने डॉग को मिनरल विटामिन के साथ साथ केल्शियम और फास्फोरस के टोनिक अवश्य देना चाहिए | साथ में चिकित्सक से परामर्श भी करे |
अपने डॉग का ध्यान रखे
अपने पप या डॉग के आस पास नुकीली चीजें कांच पिन पेस्टिसाइडव् अन्य जहरीले चीजें न रखें | अनावश्यक चीजों को चबाने की आदत से रोकने के लिए डॉग्स को खेलने की बोन्स बौल या अन्य खिलौना दे ||
कुछ लोग डॉग को हर समय कुछ न कुछ खिलाते रहते है जिससे आपका डॉग मोटा हो जाता है |मोटापे के कारण डॉग्स को कई रोग घेर लेते है |जिनमे जोड़ों का रोग एवं त्वचा रोग आदि हो जाते है इससे डॉग में चुस्ती फुर्ती कम हो जाती है |
अपने डॉग्स की आदते नहीं बिगाद्नी चाहिए | उसे निशिचत समय पर ही खाना देना चाहिए बरना लाद्प्यार में अधिक या बार बार खिलाने से उसमे उलटी दस्त और मोटापा की बीमारी हो जाती है बार बार खिलाने से डॉग में हर समय कुछ खाने की गन्दी आदत पड़ जाती है |
पप या डॉग का घर कैसा हो
जब आप पहली बार घर में पप लाते है और यदि गर्मी के दिन हो तो आपके बेडरूम के बाहर गेलेरी में दरी या अखबार बिछाकर उसके लिए जगह बनाये |सर्दी के दिनों में पप को कमरे में गरम वातावरण में रखें |जहाँ ग के बैठने की जगह हो वह ठंडी नहीं हो |
वहां एक गर्म कंबल या अखबार बिछाए | पप्स के लिए कार्ड बोर्ड का बॉक्स जिसमे कबल विछा हो अछा रहता है |
घर में डॉग का एक निश्चित स्थान अवश्य होना चाहिए |जहा वह रत को सो सके |उसके लिए एक लकड़ी का एक तरफ से खुला बॉक्स अच्छा होता है डॉग के पास एक बर्तन पपनी स भरा और दुसरा बर्तन खाने के लिए रखा होना चाहिए | डॉग्स के बर्तन की नियमित धुलाई होनी चाहिए |
दोस्तों यदि हम डॉग पालते समय इन महत्पूर्ण बातों का ध्यान रखते है तो आपका प्यारा डॉग हमेशा खुश एक्टिव एवं स्वस्थ बना रहेगा |
डॉग्स की बफादारी व डॉग्स के 9 रोचक जानकारिया एवं पालने योग्य नस्ले
निवेश के 6 विकल्प जो आपकी जिंदगी बदल देंगे | वचत और निवेश क्यों करे ? सुरक्षित निवेश कहाँ करें ?
क्या आप भुल्लक्कड़ है ? क्या आप भूलने की आदत से दुखी है
सबसे अधिक खुश रहने बालो का देश - भूटान (क्या जादू है इन लोगो के पास
जयपुर के सबसे बड़ा और सुंदर पार्क कौनसा है ? कहा है ? इसकी क्या विशेषताए हैं ?
law of attraction आकर्षण का नियम part 1st
यदि आप को यह जानकारी अच्छी लगी हो और आप और भी ज्यादा ज्ज्न्कारी चाहते है तो कृपया comments box में अपना comments अवश्य करे और अपने दोस्तों को इस जानकारी को अधिक से अधिक share करे
नवजात पप की देखभाल new born puppy care
जन्म के बाद से नन्हे पप्स खुद ही आगे बढ़कर अपनी माँ के पास पहोंच कर थन ढूढ़ लेते है और दूध पीते है |यदि वे एसा नहीं कर पाते तो उनकी माँ आपको पास आने इजाजत देती है तो आप पप को हल्का सा पकड़ कर थान के पास उसका हल्का सा मुंह लगाए जिससे की पप दूध पि सके |जन्म के दो दिन तक पप माँ का पहला दूध पीता है यह पहला दूध पप को 8 से 10 सप्ताह तक कई रोगों से बचता रहता है इस दूध से पोषण के साथ साथ पप में रोग प्रतिरोधक झमता का विकास होता है इसे खींस या कोलेस्ट्रम colostrum कहते है |
नवजात पप के नीचे बिछाए अखबार या बिछोने को बदलते रहना चाहिए |
पप्स की आँखें 10 से 15 दिन के बीच खुलती है इस दौरान पप्स का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है |पप्स की माँ के नाखूनों से खरोंचे ना पड़े इसलिए 14 से 21 दिन के की उम्र पर पप्स के नाखूनों को काटा जा सकता है |
पप्स दिन में अधिकतर नींद में सोते रहते है | उम्र बढ़ने के साथ साथ पप्स की अदिक समय तक सोने की आदत कम होती जाती है |
जन्म लेने के समय पप को बहुत अधिक ठंड लगती है क्योकि एकं पप जन्म के बाद अपने शारीर को गर्म नहीं रख पाता है |और ठंड को सहन नहीं कर पाता है |पप के शारीर का तापमान नियंत्रण थर्मोरेगूलेशन सिस्टम thermoregulation system बहुत अधिक कमजोर होता है इसमें 6 से 7 दिन में शारीर को गर्म रखने की थोड़ी सी झमता का विकास होता है |लेकिन एक माह में यह झमता पूरी तरह से विकसित हो जाती है |
इसलिए एक माह की उम्र तक पप्स को गर्म तौलिये में लपेटकर रखना या हौट वाटर वौटल या किसी अन्य तरीके से हीत देना जरूरी होता है |इस दौरान कमरे टा तापमान 21 डिग्री सेल्सियस सा अधिक होना चाहिए |
पप्स को क्या खिलाएं pups feeding and care
एक माह की उम्र में पप्स को सौलिड फ़ूड दिया जा सकता है |तथा डेढ़ से दो माह की उम्र में इन पप्स को माँ के दूध से अलग कर दुसरे फूड्स खिलाये जा सकते है |कभी कभी ब्याने के बाद बिच की मौत हो जाती है यदि इस दौरान कोई अन्य माँ मिल जाए तो वह पप्स को दूध पिला सकती है |या फिर बोटल फीडिंग ही अन्य विकल्प होता है | दिन में 4 बार अच्छे से पानी में उबाली हुयी बोटल से गाय का पतला दूध या बकरी का पतला दूध पिलाना चाहिए |
जब पप्स को बोटल से दूध पिलाया जाता है तो पप्स में कब्ज constipation की शिकायत भी हो सकती है |एसे दूध में या सीधे मुंह में लिक्विड पेराफिन की एक दो बूँद देनी चाहिए |
बोटल से दूध पिलाते समय बोटल को हर बार गर्म पानी से उबालकर ही प्रयोग में अन्यथा इन्फेक्शन होकर दस्त भी हो सकते है |
बड़ा होने पर पप को दिन में एक दो बार में ही अधिक खाना नहीं खिलाना चाहिए |खाने में पप को पानी मिले हुए दूध में रोटी ब्रेड अथवा दलिया मिलाकर दें |यदि वह रोटी या दलिया नहीं खाए तो उसे दिन में चार बार दूध दे सकते है |एक बार पेट भरने के बाद बर्तन में बचे हिये दूध दलिया को हटा दे |
डेढ़ माह की उम्र में अपने पप्स को दिन में 4 से 5 बार खाना दे |खाना हल्का गर्म एवं सुपाच्य हो |फ़ूड के साथ साथ अच्छा पका हुआ मांस केल्शियम मिनरल व् विटामिन टोनिक भी दें | ग्रोथ के लिए प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट व् मिनरल की आवश्यकता होती है |
सप्ताह में एक बार खाने के साथ में एक चम्मच कोड लीवर ऑइल cod liver oil भी देना चाहिए |
पप को अपने घर में उपलब्ध खाना खिलाने पर अधिक जोर दे| बाजार में उपलब्ध मंहगे डॉग फ़ूड बिस्किट या अन्य खाने के बजाय दूध रोटी चावल दलिया फक सब्जियां एवं उबला अंडा खिलाना चाहिए |
जैसे जैसे आपके पप की उम्र बढती है उसे दिन में खाना देने की संख्या में कमी करना चाहिए |6 माह की उम्र में अधिकतम तीन बार ही खाना दे |
9 माह का हो जाने पर दिन में दो बार खाना देना चाहिए |एक साल की उम्र में दिन में केवल एक बार ही खाना देना पर्याप्त होता है या आप कम कम मात्रा में दिन में दो बार भी खाना दे सकते है |
डॉग्स का आहार dog feeding
डॉग्स के भोजन में सभी पोषक तत्वों का समावेश होना चाहिए जिससे की आपका प्यारा डॉग हमेशा खुश एक्टिव और तंदुरुस्त बना रहे |
मीट या मांस meat
दाल और मांस में प्रोटीन की प्रचुर मात्र पायी है डॉग एक मांसाहारी प्राणी है यह मीट खाना अधिक पसंद करता है |मीट को हमेशा उबाल कर ही खिलाना चाहिए |कच्चे मीट में बहुत सारे बेक्टीरिया और पैरासाइट्स होते है जिनके कारण डॉग्स को फ़ूड पोइजनिंग और अन्य संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है छोटी उम्र के डॉग्स को बिना बॉन बाला मीट ही दे क्योकि एक पप बॉन को अछि तरह से चबा नहीं पाता है और बॉन पप के गले में भी फंस सकती है |उबला हुआ अंडा भी डॉग्स के लिए प्रोटीन युक्त बेहतर आहार होता है |
शाकाहार vegetables
आप डॉग्स या पप्स को शाकाहारी आहार खिलाये जिससे आपका डॉग स्वत और तंदुरुस्त रहेगा |शाकाहारी आहार से डॉग्स में पेट के रोग भी कम होते है | गाजर टमाटर केला मटर आदि फल और सब्जियां डॉग को खिलानी चाहिए |आजकल बाजार में रेडीमेड डॉग फ़ूड उपलब्ध होते है |इनकी मात्र डॉग्स के वजन और उम्र के हिसाब से खिलाई जाती है | जिसके निर्देशों को भली भांति पढ़ कर की उपयोग लेना चाहिए | किसी भी फ़ूड की अधिक मात्रा डॉग के स्वास्थ के लिए नुसान दायक हो सकती है |
विटामिन और मिनरल्स vitamins and minarals
आपका प्यारा पप या डॉग कभी कभी आस पास पड़े कपडे जूते दरी मौजे चप्पल या लकड़ी आदि को चबाने लग जाता है दांत उगने की उम्र में यह प्राय एसा करते है बढ़ते उम्र के डॉग्स को नार्मल खाने के सैट साथ विटामी और मिनरल्स के तौनिक अवश्य देने चाहिए जिससे उनकी अच्छी ग्रोथ हो सके इससे उनके बाल चमकीले और मुलायम हो जाते है |
कभी कभी आपके पप या डॉग के पैर मुड़ने लगते है जो की केल्शियम और फास्फोरस की कमी के कारण होता है इसलिए जब भी एसा हो तुरंत अपने डॉग को मिनरल विटामिन के साथ साथ केल्शियम और फास्फोरस के टोनिक अवश्य देना चाहिए | साथ में चिकित्सक से परामर्श भी करे |
अपने डॉग का ध्यान रखे
अपने पप या डॉग के आस पास नुकीली चीजें कांच पिन पेस्टिसाइडव् अन्य जहरीले चीजें न रखें | अनावश्यक चीजों को चबाने की आदत से रोकने के लिए डॉग्स को खेलने की बोन्स बौल या अन्य खिलौना दे ||
कुछ लोग डॉग को हर समय कुछ न कुछ खिलाते रहते है जिससे आपका डॉग मोटा हो जाता है |मोटापे के कारण डॉग्स को कई रोग घेर लेते है |जिनमे जोड़ों का रोग एवं त्वचा रोग आदि हो जाते है इससे डॉग में चुस्ती फुर्ती कम हो जाती है |
अपने डॉग्स की आदते नहीं बिगाद्नी चाहिए | उसे निशिचत समय पर ही खाना देना चाहिए बरना लाद्प्यार में अधिक या बार बार खिलाने से उसमे उलटी दस्त और मोटापा की बीमारी हो जाती है बार बार खिलाने से डॉग में हर समय कुछ खाने की गन्दी आदत पड़ जाती है |
पप या डॉग का घर कैसा हो
जब आप पहली बार घर में पप लाते है और यदि गर्मी के दिन हो तो आपके बेडरूम के बाहर गेलेरी में दरी या अखबार बिछाकर उसके लिए जगह बनाये |सर्दी के दिनों में पप को कमरे में गरम वातावरण में रखें |जहाँ ग के बैठने की जगह हो वह ठंडी नहीं हो |
वहां एक गर्म कंबल या अखबार बिछाए | पप्स के लिए कार्ड बोर्ड का बॉक्स जिसमे कबल विछा हो अछा रहता है |
घर में डॉग का एक निश्चित स्थान अवश्य होना चाहिए |जहा वह रत को सो सके |उसके लिए एक लकड़ी का एक तरफ से खुला बॉक्स अच्छा होता है डॉग के पास एक बर्तन पपनी स भरा और दुसरा बर्तन खाने के लिए रखा होना चाहिए | डॉग्स के बर्तन की नियमित धुलाई होनी चाहिए |
दोस्तों यदि हम डॉग पालते समय इन महत्पूर्ण बातों का ध्यान रखते है तो आपका प्यारा डॉग हमेशा खुश एक्टिव एवं स्वस्थ बना रहेगा |
डॉग्स की बफादारी व डॉग्स के 9 रोचक जानकारिया एवं पालने योग्य नस्ले
निवेश के 6 विकल्प जो आपकी जिंदगी बदल देंगे | वचत और निवेश क्यों करे ? सुरक्षित निवेश कहाँ करें ?
क्या आप भुल्लक्कड़ है ? क्या आप भूलने की आदत से दुखी है
सबसे अधिक खुश रहने बालो का देश - भूटान (क्या जादू है इन लोगो के पास
जयपुर के सबसे बड़ा और सुंदर पार्क कौनसा है ? कहा है ? इसकी क्या विशेषताए हैं ?
law of attraction आकर्षण का नियम part 1st
यदि आप को यह जानकारी अच्छी लगी हो और आप और भी ज्यादा ज्ज्न्कारी चाहते है तो कृपया comments box में अपना comments अवश्य करे और अपने दोस्तों को इस जानकारी को अधिक से अधिक share करे
إرسال تعليق